मत बाँटो इंसान को, हिन्दी कविता (Mat Banto Insane Ko Hindi Poem) 2022
Mat Banto Insane Ko Hindi Poem मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर ने बाँट लिया भगवान को । धरती बाँटी सागर बाँटा मत बाँटो इंसान को ।। अभी राह तो शुरू हुई है मंज़िल बैठी…
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